स्टॉक मार्केट की बात करें तो ये एक अलग ही दुनिया है जहा अथाह पैसा है! दोस्तों आज हम जानेंगे की स्टॉक मार्केट में पैसे किन किन तरीको से कमाया जा सकता है! स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अपनी विशेषताएँ और रणनीतियाँ होती हैं। सामान्य तौर पर ट्रेडिंग पांच प्रकार की होती है जो निम्नानुसार है:-
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading):
- इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर एक ही दिन में किसी स्टॉक्स को ख़रीदता है और मार्केट बंद होने से पहले उसी दिन स्टॉक्स को बेच देता है !
- इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर का मुख्य लक्ष्य एक छोटा लाभ कमाना होता है!
- इसमें ट्रेडर को दिनभर की गतिविधियों और छोटी छोटी बारीकियो पर नजर रखना होता है और दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन पर चार्ट पर नजर रखना होता है !
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading):
- स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर को किसी स्टॉक्स को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए रखना होता है !
- स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य स्टॉक में होने वाले स्विंग यानी मूल्य उतार-चढ़ाव से लाभ कमाना होता है।
- स्विंग ट्रेडिंग में टेकनिकल एनालिसिस और ट्रेंड्स पर ध्यान देना होता है
- पोजिशन ट्रेडिंग (Position Trading):
- पोजीशन ट्रेडिंग में एक ट्रेडर स्टॉक्स को लम्बे समय के लिए (कई हफ्तों से लेकर महीनों या वर्षों तक) रखते हैं।
- पोजीशन ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य लम्बे समय के ट्रेंड्स (स्टॉक्स के उतार चढ़ाव ) से लाभ कमाना होता है।
- इसमें ट्रेडर को स्टॉक मार्केट की लॉन्ग टर्म ट्रेंड्स का विश्लेषण करना होता है।
- स्कैल्पिंग (Scalping):
- स्कैल्पिंग में ट्रेडर बहुत ही छोटी समयावधि के लिए ट्रेड करते हैं, जैसे कुछ मिनट या सेकंड के लिए !
- स्कैल्पिंग का मुख्य उद्देश्य बहुत ही छोटे मूल्य परिवर्तन से लाभ कमाना होता है।
- स्कैल्पिंग में ट्रेडर को एक एक सेकंड का ध्यान रखना होता है क्योकि इसमें ट्रेडर का प्रॉफिट मार्जिन बहुत ही छोटा होता है!
- निवेश (Investing):
- अगर हम सही मायने में देंखे तो इसको हम ट्रेडिंग में श्रेणी में नहीं रखते क्योकि ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में बहुत ही अंतर होता है! इन्वेस्टिंग में एक इन्वेस्टर किसी भी स्टॉक्स को बहुत ही लम्बे समय (एक या कई वर्षो ) के लिए खरीदता है!
- इन्वेस्टिंग का मुख्य उद्देश्य किसी कंपनी के दीर्घकालिक विकास और कंपनी के प्रॉफिट से लाभ कमाना होता है।
- इन्वेस्टिंग में किसी कम्पनी के फंडामेंटल एनालिसिस और उसके वित्तीय स्टेटमेंट को अध्ययन करके किसी कंपनी में इन्वेस्ट किया जाता है!
इन पांच ट्रेडिंग रणनीतियो में से आज हम बात करने वाले है स्विंग ट्रेडिंग की:-
स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है?
स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक मार्केट में निवेश की एक प्रणाली है जिसमें ट्रेडर या निवेशक एक स्टॉक्स को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए खरीदता है और बेचता हैं। स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य कम समय में किसी स्टॉक्स के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव (स्विंग) से लाभ कमाना होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक स्टॉक सिलेक्शन करने से पहले किन किन चीजो पर ध्यान देना चाहिए?
स्विंग ट्रेडिंग में सफल होने के लिए, ,एक ट्रेडर/निवेशक को कई महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक स्टॉक का सिलेक्शन करने से पहले निम्नलिखित बिंदुओ पर ध्यान देना चाहिए:-
- Technical Analysis:-
- Charts and Patterns: टेक्निकल एनालिसिस में टेक्निकल चार्ट्स पर बनने वाली विभिन्न पैटर्न और ट्रेंड्स का विश्लेषण करना चाहिए, जैसे कि हेड और शोल्डर, डबल टॉप/बॉटम, और ट्रेंडलाइन।
- Indicators: स्विंग ट्रेडिंग में या कहे की आज कल किसी भी ट्रेडिंग प्लेटफार्म में बहुत से इंडीकेटर्स उपलब्ध होते है लें स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस के लिए प्रमुख इंडीकेटर्स का उपयोग करें, जैसे कि मूविंग एवेरेज (MA), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), मैक्ड (MACD), और बोलिंजर बैंड्स, जो किसी स्टॉक्स के मूल्य के रुझान और संभावित मोड़ का संकेत दे सकते हैं।
- Market Trends:
- Real Trends: शेयर बाजार के प्रमुख ट्रेंड्स को पहचानें और उनके अनुसार ट्रेड करें। यह सुनिश्चित करें कि आप जो भी ट्रेड कर रहे हैं, वह मार्केट के ट्रेंड के अनुरूप है अथवा नहीं !
- Contract Trends: शेयर बाजार अनिश्चिताओ से भरा है शेयर बाजार में क्या होने वाला है यह कोई नहीं जान सकता! शेयर बाजार में कभी-कभी कीमतों में उलटफेर हो सकता है, इसलिए सतर्क रहना चाहिए और ऐसे संकेतों की पहचान करें जो ट्रेंड में बदलाव की और इशारा करते है!
- Target Price and Stop Loss:
- Always set Target Price: शेयर बाजार में बहुत ही कम लोग सक्सेस हो पाते है और ज्यादातर लोग नुकसान में रहते है इसके पीछे यही कारण है की अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ट्रेडर एक निश्चित टारगेट प्राइस सेट नहीं करते है! ट्रेड लेने के पश्चात एक स्पष्ट लक्षित मूल्य तय करें, जिस पर आप लाभ लेने के बाद उस पोजीशन को काट देंगे!
- Always set Stop Loss: एक ट्रेडर के लाइफ में यह समय जरुर आता है की उसके अनुमान के विपरीत मार्केट जाता है और उसको नुकसान होता है ! नुकसान होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन उस नुकसान को आप कितना सिमित कर सकते है ये बड़ी बात होती है! यदि शेयर बाजार में सक्सेस की शिखर पर जाना है तो नुकसान को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस आर्डर जरुर सेट करें, जो आपको अप्रत्याशित मूल्य गिरावट से होने वाली नुकसान से बचा सकता है।
- Holding Period:
- Holdings Time: अक्सर यह देखा जाता है की ट्रेडर अपनी होडिंग समय से अधिक या अपने रणनीति के विपरीत किसी स्टॉक्स को होल्ड करके रखते है जो आगे चल के एक बड़े नुकसान में तब्दील हो जाते है ! एक कहावत है “ गलत प्यार हो या गलत स्टॉक्स जितना ज्यादा होल्ड करोगे उतनी ही तखलीफ़ देगी” तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप स्टॉक को उस अवधि के लिए रखते हैं जो आपकी ट्रेडिंग रणनीति के अनुसार है। स्विंग ट्रेडिंग में आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक की अवधि होती सबसे अच्छी होती है।
- Volume:
- Volume in Stocks: एक ट्रेडर को हमेशा ट्रेडिंग वॉल्यूम की निगरानी करनी चाहिए , क्योंकि वॉल्यूम स्टॉक्स के मूल्य के उतार-चढ़ाव की ताकत और विश्वसनीयता को दर्शाता है। उच्च वॉल्यूम से संकेत मिलता है कि बाजार में अधिक खरीदारी है!
- News and Updates:
- Relevant News: एक निवेशक या ट्रेडर के लिए यह आवश्यक हो जाता है की वह अपने पोर्टफोलियो में शामिल कंपनीयो के शेयर या बाजार के लिए महत्वपूर्ण समाचार और घटनाओं पर नजर रखें, जैसे कि कंपनी के आय रिपोर्ट, आर्थिक डेटा, या कंपनी की घोषणाएँ, जो मूल्य को प्रभावित कर सकती हैं।
- Money management:
- Risk Management: ट्रेडर को बाजार में निवेश करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की अपने पैसे का मैनेजमेंट सही तरीके से हो ! एक ही ट्रेड/स्टॉक में अधिक निवेश करने से बचना चाहिए । अपने पोर्टफोलियो में विविधता रखें और निवेश के लिए एक निश्चित राशि निर्धारित करें।
- Profit and Loss Analysis: एक ट्रेडर को वास्तव में शेयर बाजार में एक सफल इन्वेस्टर बनना है तो उसे अपने प्रॉफिट एंड नुकसान का सही आकलन करना चाहिए और इस चीज पर ध्यान देना चाहिए की नुकसान कम से कम हो और प्रॉफिट अपने रणनीति के अनरूप हो !